जीवन में उतारे श्रीराम के आदर्श
दुनिया भर भारतीय संस्कृति को बहुत महत्व दिया जाता है। कहा जाता है कि भारत पर्वों का देश है। यहां की दिनचर्या में ही पर्व-त्योहार बसे हुए हैं। ऐसा ही एक पर्व नवरात्रि के मनाया जाता है। वो है.... 'रामनवमी'।
View Articleवाल्मीकि की महान रचना 'रामायण'
शिव पुराण में कहा गया है कि दयालु मनुष्य, अभिमानशून्य व्यक्ति, परोपकारी और जितेंद्रीय ये चार पवित्र स्तंभ हैं, जो इस पृथ्वी को धारण किए हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये चारों गुण एक साथ मर्यादा...
View Articleराम नवमी : श्री राम के गाएं गुणगान
राम नवमी चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था। जाने श्रीराम नवमी के बारे में जानकारी रामनवमी विशेष पर!
View Articleजो राष्ट्र का मंगल करें, वही राम है!
जिस युग में हम जी रहे हैं, वह बाजार की जकड़ में है। भौतिक वस्तुएं ही व्यक्ति को सब कुछ लगने लगी हैं। व्यक्ति ग्राहक मात्र होकर रह गया है, इसलिए कथा तो सिर्फ एक बहाना है। वास्तविकता में कथा के माध्यम से...
View Articleश्रीराम का अवतरण दिवस
पहली अप्रैल को राम नवमी है यानी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अवतरण दिवस। संसार में जब भी अधर्म बढ़ता है एवं बुरी शक्तियां प्रकृति के नियमों को उथल-पुथल करने लगती हैं ऐसी स्थिति में भगवान का अवतार होता...
View Articleश्रीराम : भारत का चरित्र
श्रीराम का जन्म केवल इसलिए नहीं हुआ कि राज दशरथ को एक पुत्र चाहिए था, बल्कि श्रीराम का जन्म लोकतारण के लिए, लोक कल्याण के लिए हुआ है। श्रीराम साक्षात धर्म हैं। राम आनंद हैं। राम ब्रह्म हैं। राम चरित्र...
View Articleप्रभु श्रीराम एक आदर्श शिष्य....
राम अपने गुरु विश्वामित्र की सेवा में सदैव तत्पर रहे हैं। सीता स्वयंवर के समय राम गुरु से आज्ञा मिलने के उपरांत ही खड़े हुए और उन्हें प्रमाण करके ही धनुष उठाने को गए।
View Article।।श्री राम स्तुति-आरती।।
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
View Article।।श्री रामाष्टकः।।
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशव। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा।।
View Articleरामावतार स्तोत्र
भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौसल्या हितकारी हरषित महतारी, मुनि मनहारी अद्भुत रूप बिचारी लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज आयुध भुज चारी भूषन वनमाला, नयन बिसाला, सोभासिंधु खरारी
View Articleमर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम
भरत के लिए आदर्श भाई, हनुमान के लिए स्वामी, प्रजा के लिए नीति-कुशल व न्यायप्रिय राजा, सुग्रीव व केवट के परम मित्र और सेना को साथ लेकर चलने वाले व्यक्तित्व के रूप में भगवान राम को पहचाना जाता है। उनके...
View Articleरामनवमी - श्रीराम का जन्मोत्सव
कहा जाता है कि भारत पर्वों का देश है। यहां की दिनचर्या में ही पर्व-त्योहार बसे हुए हैं। भारतीय संस्कृति को दुनिया भर बहुत महत्व दिया जाता है। ऐसा ही एक पर्व चैत्र नवरात्रि के दिनों में मनाया जाता है,...
View Articleश्रीराम स्तुति : नमामि भक्त-वत्सलं...
नमामि भक्त-वत्सलं, कृपालु-शील-कोमलम्। भजामि ते पदाम्बुजं, अकामिनां स्व-धामदम्।
View Articleरामनवमी के दिन क्या करें कि धन बरसे
धन की लालसा हम सभी को होती है। श्री राम नवमी के दिन अगर सामान्य विधि-विधान से लेकिन संपूर्ण मन से पूजन कार्य किया जाए तो अपार धन संपदा की प्राप्ति होती है।
View Articleश्रीराम के आदर्श जीवन की गाथा
गोस्वामी तुलसीदास सगुण भक्ति के आचार्य हैं। उनका जीवन सदाचार, व्रत, तप और उपासनामय था। श्रीराम प्रेमरूपी व्रत के वे साक्षात मूर्तिमान ही थे। प्रभु श्रीराम के चरणों में अनन्य निष्ठा ही उनका जीवन व्रत...
View Articleराजा हो श्रीराम के जैसा
मानव-वानर गले मिले हैं, बजा दिया है जग में डंका, धर्म धरा पर फिर से उतरा, नष्ट किए दुष्टों की लंका। धर्म सत्य पर आधारित हों, ज्ञान हो निर्मल गंगा जैसा, भूख प्यास की पीड़ा न हो, हर मानव हो मानव जैसा।...
View Articleश्रीराम स्तुति : नमामि भक्त-वत्सलं...
नमामि भक्त-वत्सलं, कृपालु-शील-कोमलम्। भजामि ते पदाम्बुजं, अकामिनां स्व-धामदम्।
View Articleरामनवमी के दिन क्या करें कि धन बरसे
धन की लालसा हम सभी को होती है। श्री राम नवमी के दिन अगर सामान्य विधि-विधान से लेकिन संपूर्ण मन से पूजन कार्य किया जाए तो अपार धन संपदा की प्राप्ति होती है।
View Articleश्रीराम के आदर्श जीवन की गाथा
गोस्वामी तुलसीदास सगुण भक्ति के आचार्य हैं। उनका जीवन सदाचार, व्रत, तप और उपासनामय था। श्रीराम प्रेमरूपी व्रत के वे साक्षात मूर्तिमान ही थे। प्रभु श्रीराम के चरणों में अनन्य निष्ठा ही उनका जीवन व्रत...
View Articleरामनवमी कविता : राजा हो श्रीराम के जैसा
मानव-वानर गले मिले हैं, बजा दिया है जग में डंका, धर्म धरा पर फिर से उतरा, नष्ट किए दुष्टों की लंका। धर्म सत्य पर आधारित हों, ज्ञान हो निर्मल गंगा जैसा, भूख प्यास की पीड़ा न हो, हर मानव हो मानव जैसा।...
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