कहते हैं कि सर्वप्रथम रामकथा हनुमानजी ने लिखी थी और वह भी शिला पर। यह रामकथा वाल्मीकि जी की रामायण से भी पहले लिखी गई थी और हनुमन्नाटक के नाम से प्रसिद्ध है।
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