जो राष्ट्र का मंगल करें, वही राम है। जो लोकमंगल की कामना करें, वही राम है। सबसे आदर्श और मर्यादित व्यक्तित्व ही श्रीराम है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन संघर्षमय रहा। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने मर्यादा नहीं छो़ड़ी
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